पर्युषण पर्व के चौथे दिन संतों ने जैन समाज की वर्तमान स्थिति पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि जैन समाज की पहचान अहिंसा, अपरिग्रह, संयम, तप और एकता से जुड़ी रही है। इस समाज ने सदियों से सत्य और करुणा के माध्यम से विश्व में शांति का संदेश दिया है। संतों ने शनिवार शाम 7 बजे बताया कि वर्तमान में समाज भीतर से टूटन की ओर बढ़ रहा है।