महाराष्ट्रीयन समाज में महालक्ष्मी की विशिष्ट पूजा की जाती है। भगवान गणेशजी की माता महालक्ष्मी की स्थापना के साथ पूजा की जाती है। इस दौरान ज्येष्ठा गौरी और कनिष्ठा गौरी की पूजा होती है। ज्येष्ठा और कनिष्ठा का आह्वान अनुराधा नक्षत्र में किया जाता है। जेष्ठा नक्षत्र में पूजन के साथ माता की अपने बेटे-बेटी के साथ नववारी साड़ी और कई प्रकार के आभूषणों में सुसज्ज