दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र भारत में निरंतर चलने वाली चुनावी प्रक्रिया की जगह एक राष्ट्र एक चुनाव का विचार न केवल भारत के चुनावी तंत्र में सुधार का प्रयास है बल्कि यह देश को समृद्धि की दिशा में तेजी से आगे बढ़ने में सक्षम बनाता है। एक साथ चुनाव कराने की अवधारणा भारत में नयी नहीं है। संविधान को अंगीकार किए जाने के बाद, 1951 से 1967 तक लोकसभा और सभी राज्य