नावाडेरा गांव में लंबे समय से विद्युत ट्रिपिंग की समस्या बनी हुई थी, जिससे ग्रामीणों को बार-बार परेशानी का सामना करना पड़ता था। ट्रिपिंग के कारण न केवल घरेलू कामकाज प्रभावित होता था बल्कि विद्यार्थियों की पढ़ाई और छोटे व्यवसायों पर भी इसका नकारात्मक असर पड़ रहा था।