विश्व विख्यात कथावाचक एवं जीवन प्रबंधन गुरु पं. विजय शंकर मेहता ने कहा कि जब-जब दुनिया में अशांति बढ़ी है, तब-तब लोगों का रुझान आध्यात्म और धार्मिक कथाओं की ओर बढ़ा है। भौतिक युग के विस्तार के साथ लोगों में बेचैनी और अशांति भी बढ़ी है। इसी कारण संयुक्त परिवार टूट रहे हैं और लोग एकल परिवार की ओर बढ़ रहे हैं। यह भारतीय संस्कृति के विपरीत है।