आदिवासी पुरोधाओं की मुर्तियां जो हजारीबाग के विभिन्न चौक चौराहों पर लगी हुई हैं उन्हें लगातार खड़ीत करने का प्रयास किया जा रहा जब शहर में स्थापित मुर्गीयों को पहली बार तोड़े जाने की घटना घटी थी तब प्रशासन ने किसी विक्षिप्त या शराबी असमाजिक तत्वों द्वारा किए जाने का अनुमान लगाया गया था, सामाजिक संस्थाओं राजनीतिक दलो एवं नागरिकों ने उक्त घटना की तीव्र निन्दा