कई मामलों में बहन अपने भाई के निधन पर अंतिम संस्कार करती है और कैसे कई उदाहरण सामने आए हैं जहां पर बहनों ने भाई को मुखाग्नि दी और दाह संस्कार की अन्य परंपराएं भी पूरी की डही राठौड परिवार में एक व्यक्ति की मृत्यु होने पर जिसका कोई वारिस नहीं था , किंतु उसकी एक बहन ने ऐसा फर्ज निभाया जो मानवता की मिसाल बन गया, जिसको लेकर समाज में इसकी प्रशंसा की जा रही है।