अयोध्या की धरती इतिहास और आस्था का संगम रही है। इसी विरासत का अनोखा उदाहरण है दिलकुशा महल, जिसे नवाब शुजाउद्दौला ने 18वीं शताब्दी में सरयू तट पर बनवाया था। यह आलीशान महल अवध की शान माना जाता था, लेकिन 1857 की क्रांति के बाद अंग्रेजों ने इसे अफीम की खरीद-बिक्री का केंद्र बना दिया और तभी से यह इमारत अफीम कोठी के नाम से जानी जाने लगी,