पहले पूरा मानदेय परियोजना देती थी। बाद में कंट्रीब्यूशन सिस्टम लाया। अब कह रहा हैं CBO,S से लीजिये। हम अब भी संगठित नहीं हुए और विरोध नहीं किया तो वह दिन दूर नहीं जब परियोजना कहेगी कि अगर आपको कैडर रहना है तो ₹5000 महीना परियोजना को दीजिए..