मुस्लिम सेवा संगठन की ओर से एक प्रेसविज्ञपत्ति जारी की गई है। जिसमें संगठन के उपाध्यक्ष आकिब कुरैशी ने कहा कि यह बिल अल्पसंख्यक समुदायों के शिक्षा संस्थानों की स्वायत्तता और अधिकारों का हनन करता है। उन्होंने कहा कि यह संविधान के अनुच्छेद 29 और 30 का सीधा उल्लंघन है.