गणेश चतुर्थी के दिन शासकीय अधिमान्य पत्रकार एवं मध्यप्रदेश श्रमजीवी पत्रकार संघ के जिला अध्यक्ष अभिषेक सक्सेना के घर प्रशासन द्वारा नोटिस तामील के नाम पर की गई कार्रवाई ने लोकतंत्र की जड़ों को हिला दिया। कार्यपालिक मजिस्ट्रेट एल. चौहान और पुलिसकर्मी जिस तरह बिना स्पष्ट कारण पहुंचे और पत्रकार को धमकाने का प्रयास किया, वह प्रेस की स्वतंत्रता पर सीधा हमला है।