कहा जाता है कि शहर का प्रवेश द्वार उसकी पहचान होता है। पहली झलक में ही तय हो जाता है कि शहर कितना सजीव, कितना सलीकेदार है। लेकिन कोरबा का गौ माता चौक देख लीजिए,यहाँ स्वागत नहीं,उपेक्षा और अव्यवस्था की जोरदार झलक मिलती है।जिला मुख्यालय में प्रवेश करने वाले लोगों का “स्वागत” सबसे पहले सड़क के गड्ढे करते हैं। उनके साथ उड़ती धूल और राख मिलकर माहौल को और खास बना