पहाड़ी इलाकों में हुई बारिश के चलते यमुना खतरे के निशान से ऊपर बहकर बाढ़ के हालातो में बदल गई वैराज से 52 लाख क्यूसेक पानी डिस्चार्ज किए जाने के बाद भी यमुना का जलस्तर सामान नहीं हो सका है दर्जनों गांव और कालोनियां जलमग्न है तो अभी भी लोग छतों पर शरण लिए हैं लोगों की परेशानी आज भी बरकरार है क्योंकि बिजली पानी की समस्या बरकरार बनी हुई है हालांकि प्रशासन सतर्क