परंपरा के मुताबिक आषाढ़ की पूर्णमासी के बजाय तिवारी समुदाय हरतालिका तृतीय में राखी मनाते हैं। तिवारी समुदाय के लोगों ने उत्तर वाहिनी गंडक नदी के किनारे पवित्र धर्मशिला में सरोवर में स्नान के बाद विशेष पूजन और उपाकर्म संस्कार के बाद जनेऊ धारण की गई।धर्मशिला में पंडित पूरन तिवारी, बिशन तिवारी, कृष्ण तिवारी, गिरीश तिवारी, हरिशंकर तिवारी, दिनेश तिवारी मौजूद रहे