रछुली गांव के महिला स्वयं सहायता समूह की महिलाएं नर्सरी व्यवसाय के माध्यम से न केवल पर्यावरण संरक्षण में अपना योगदान दे रही हैं बल्कि ग्रामीण महिलाओं के लिए यह एक स्थाई और लाभकारी आजीविका का साधन भी बन गया है। हिमोत्थान के सहयोग से संचालित नर्सरी में रछुली गांव की महिलाओं द्वारा सगंध पौध, चारापत्ती और अन्य कई प्रजातियों की पौध तैयार की जा रही हैं।