रविवार को 10:00 बजे गांव वालों ने बताया जैसे ही बरसात आती है तब वो नरकीये जीवन जीने के लिए मजबूर होते हैं। जोहड़ का पानी सड़कों पर फैल जाता है और गंदे पानी से गुजर कर उन्हें आना जाना पड़ता है जिसे उनके पैर में एलर्जी भी हो जाती है। प्रशासन को कई बार गुहार लगा चुके हैं यहां की सरपंच भी कुछ नहीं कर रहा। जिसको लेकर उन्होंने इसमें संज्ञान लेने की मांग की है।