जैन धर्म के सर्वश्रेष्ठ पर्व दसलक्षण पर्यूषण के सातवें दिन को भक्तजनों ने “उत्तम तप धर्म” के रूप में हर्ष और श्रद्धा के साथ मनाया। स्थानीय पंडित अभिषेक शास्त्री और डॉ. निर्मला दीदी ने अपने प्रवचनों में कहा कि इच्छाओं का त्याग ही सच्चा तप है। शांति से दुख सहन करना सर्वोच्च तप माना गया है, और बिना तप के आत्मा शुद्ध नहीं होती।