गुरुवार दोपहर 3:00 बजे ताप्ती नदी के राजघाट पर श्राद्ध पक्ष को लेकर लोग कव्वो को भोजन कराने के लिए यहां पर पहुंच रहे हैं। यहां पर कव्वे बड़ी संख्या में रहते हैं जिनको लोग भोजन कराने के लिए आते हैं। शहर के वरिष्ठ डॉक्टर वैद्य सुभाष माने बताते हैं कि चिड़िया और कौवे की प्रजातियां विलुप्त हो गई है।