आधुनिक युग के दौर में पुरानी संस्कृतियां लुप्त होती जा रही है। इन दिनों हर गली मोहल्ले में संजा बनाई जाती थी। लेकिन आज के समय में संजा को लेकर बच्चीयों में रुचि नहीं दिखाई दे ती है। ग्रामीण क्षेत्र में भी नई पिंडी इन पुरानी संस्कृतियां से दुर नजर आ रही है। नई पीढ़ी गोबर को छुना तक पसंद नहीं करती है। पहले के समय घर की महिलाएं भी घर की बच्चियो को संजा बनाने