आज 31 अगस्त शाम 5 बजे बंजारा समाज के रंजीत बंजारा ने बताया कि घुमंतू जातियों को बैंक लोन और जाति प्रमाण पत्र बनवाने में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। इस वजह से कई जरूरतमंद परिवार सरकारी योजनाओं का लाभनहीं ले पाते। जिले में करीब 15 जातियों के 30 हजार से ज्यादा लोग निवास करते हैं। उसी दिन को हर साल विमुक्ति दिवस के रूप में मनाया जाता है।