जहां राधा कृष्ण के भक्तों ने मंदिर में प्रसाद ग्रहण किया वहीं कुछ भक्तों ने व्रत रखकर दोपहर को व्रत खोलकर भंडारे का प्रसाद ग्रहण किया। उधर मंदिर के पंडित राजू शर्मा द्वारा बताया जाता है कि गत वर्षो की भांति हर वर्ष भंडारे का आयोजन किया जाता है। और यह प्राचीन मंदिर करीब 250 वर्ष से अधिक पुराना है।