आस्था की नगरी संगम नगरी प्रयागराज में रहने वाले निसार अहमद अपने आप में गंगा-जमुनी तहजीब की मिसाल पेश कर रहे हैं। पिता के साथ 12 साल की उम्र से ही वह रामलीला में बनने वाले अस्त्र-शस्त्र वह अन्य समानों को तैयार करने का काम कर रहे हैं। निसार बड़ी शिद्दत और तन्मयता से रामलीला से जुड़ी सामग्रियां तैयार करते हैं।