नौकरी, विश्वविद्यालय में प्रवेश और छात्रवृत्ति पाने के लिए जाति प्रमाण पत्र आवश्यक दस्तावेज़ है। यह प्रमाण पत्र केवल पात्र आवेदकों को ही नियमानुसार जारी किया जाता है। लेकिन, यदि कोई फर्जी प्रमाण पत्र बनवाता है तो यह कानूनन अपराध है। मंगलवार दोपहर 3 बजे मिली जानकारी भारतीय न्याय संहिता BNS के तहत फर्जी जाति प्रमाण पत्र बनाने या उपयोग करने पर 7 साल तक की सजा।