गणेश चतुर्थी पर भगवान महाकाल का श्री गणेश स्वरूप में श्रृंगार किया गया। ब्रह्म मुहूर्त में विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर के पट खोलने के बाद वीरभद्र जी को प्रणाम कर स्वस्ति वाचन कर आज्ञा लेकर चांदी के द्वार को खोला गया। गर्भगृह के पट खोलकर पुजारियों ने भगवान का श्रृंगार उतारकर पंचामृत पूजन के बाद कर्पूर आरती की।