आगामी 8 सितंबर को प्रस्तावित रेलवे आंदोलन धीरे-धीरे नहीं बल्कि तेज़ी से ताक़त पकड़ता जा रहा है। बुधवार के देर साम करीब सात बजे से गांव-गांव और मोहल्लों में हो रही डोर-टू-डोर बैठकों में जनता बड़ी संख्या में जुड़ रही है। तस्वीरें साफ़ बता रही हैं कि अब यह लड़ाई रुकने वाली नहीं है।