सुजानगढ़। किसी भी इंसान का अंतिम पड़ाव मोक्ष धाम होता है, लेकिन उसका अंतिम सफर भी गंदे एवं बरसाती पानी से भरे रास्ते से हो यह स्वच्छ भारत अभियान के लिए शासन-प्रशासन द्वारा किये जाने वाले दावों की पोल खोलने के लिए पर्याप्त है। ज्ञानचंद प्रजापत का देहवसान होने पर उनके घर से अंतिम संस्कार के लिए मोक्ष धाम जाने का पूरा रास्ता गंदे एवं बरसाती पानी से भरा हुआ था।