आज रविवार शाम साढ़े 6 बजे के लगभग "संजा पर्व" भाद्रपद माह के शुक्ल पूर्णिमा से पितृमोक्ष अमावस्या तक पितृपक्ष में कुंआरी कन्याओं द्वारा मनाया जाने वाला पर्व है। संजा को कुवारी बालिका सायंकाल के समय पूजती है। ओर पूजते समय बालिकाओ द्वारा ये गीत गलियो मे गुंजे। काजल टीकी लो बई, काजल टीकी लो, काजल टीकी लई ने संजाबाई ने दो, छोटी सी गाड़ी लुड़कती जाये, लुड़कती जाय