लखीमपुर खीरी के कलेक्ट्रेट परिसर और एसपी कार्यालय जैसे संवेदनशील इलाकों के पास ही जातिवादी स्टिकर वाले वाहन खुलेआम फर्राटा भरते नजर आते हैं। सवाल यह है कि जब आदेश की धज्जियां प्रशासन की नाक के नीचे उड़ रही हों, तो आम सड़कों पर पालन की उम्मीद कैसे की जाए।