झारखंड की वादियों, जंगलों और पहाड़ियों में इन दिनों काशी के फूलों की सफेदी छाई हुई है। यह फूल बरसात के अंत और नवरात्र जैसे त्योहारों के आगमन का संकेत माना जाता है। पर्यावरणविद मुरारी सिंह के मुताबिक, इसका उल्लेख रामचरितमानस में भी हुआ है। काशी के डंठल से पूजा घरों में झाड़ू बनाई जाती है और आयुर्वेदिक औषधियों में भी इसका उपयोग होता है।