जसवंतनगर में दशलक्षण पर्व के अवसर पर श्री पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन मंदिर में प्रवचन आयोजित किया गया। सांगानेर से पधारे शास्त्री श्री श्रेयांश जैन ने प्रवचन देते हुए कहा कि "कषाय की मंदता होने पर ही क्षमा उत्पन्न होती है। क्षमा धर्म आत्मा को शुद्धि की ओर अग्रसर करता है। शास्त्री श्री श्रेयांश जैन ने स्व-क्षमा और पर-क्षमा के महत्व पर विस्तार से प्रकाश डाला।