बड़नगर ग्राम दांतरवा में सहायक सचिव पद पर रहने के दौरान लंबी प्लानिंग के तहत इस कार्य को अंजाम दिया गया विमल शर्मा को पता था कि मुझे मेरी पत्नी को आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के पद पर किसी भी तरह से नियुक्ति दिलानी है इसके लिए उसने बड़ी चालाकी से भवानी शंकर शर्मा का दत्तक पुत्र बन बैठा और ₹50 के स्टांप पर लिखा पड़ी कर डाली ।