बारिश के कहर से उत्तराखंड की 2500 से अधिक सड़कें टूट गईं। कहीं सड़कें चलने लायक नहीं बचीं तो कहीं पूरी सड़क ही बह गई। जलप्रलय से लोक निर्माण विभाग और पहाड़ की जनता, दोनों के सामने पहाड़ सी चुनौती है पर्वतीय क्षेत्रों में बच्चों को स्कूल जाना हो, मरीजों को अस्पताल या रोजी-रोटी का सफर, अब हर रास्ता खतरों से भरा हुआ है।