उत्तराखण्ड उच्च न्यायालय ने एक महत्वपूर्ण आदेश पारित करते हुए कहा है कि यदि किसी अभियुक्त की उम्र को लेकर संदेह हो तो मजिस्ट्रेट अथवा संबंधित न्यायालय को सबसे पहले उसकी आयु का सत्यापन करना अनिवार्य होगा। यह आदेश न्यायमूर्ति आशीष नैथानी की एकलपीठ ने उस समय पारित कियाए जब हरिद्वार के एक हत्या मामले में सजा काट रहे व्यक्ति को घटना के समय नाबालिग पाया गया। न्याय