गंगा का रौद्र रूप, इस समय बलिया की बड़ी आबादी के लिए आफत बन चुकी हैं। हालात इतने भयावह हो गए हैं कि गंगा किनारे दर्जनभर से अधिक मकान नदी की धारा में समा गए। तटवर्ती इलाकों में लोग अपना घर-बार छोड़कर सुरक्षित ठिकानों की तलाश में भटक रहे हैं। कई परिवारों की आंखों से आंसू और दिलों से उम्मीद छीन चुकी है।