कर्मचारियों की सुनलो गुहार,नेताजी हमरी एक भी नां,खुद ले रहे पैंशन चार चार,नेताजी हमरी एक भी नां,बुढ़ापे में किया लाचार, नेताजी हमरी एक भी नां,खुद ले रहे पेंशन चार चार.....