मंगलवार को दोपहर तकरीबन 2:00 बजे पर्युषण महापर्व का समापन : संवत्सरी के बाद मंगलदीप प्रज्वलितसमाज में उल्लास का माहौल। जैन समाज के आठ दिवसीय पर्युषण महापर्व के अंतिम दिन संवत्सरी के पश्चात सभी तीर्थों व दादा के जन्मस्थलों पर आरती और मंगलदीया किया गया। धार्मिक अनुष्ठान और साधु-साध्वी दीक्षा। उपाध्याय महेंद्रसागरजी मसा व मनीषसागरजी मसा की प्रेरणा ली गई।