लोअर मॉलरोड को स्थाई उपचार नहीं मिलने और बरसात के चलते सड़क में दरारें उभरने से सड़क में धंसाव होने लगा है। बता दें कि वर्ष 2018 में लोअर माॅलरोड का लगभग 25 मीटर हिस्सा टूट कर झील में समा गया था। इसके स्थाई उपचार के लिए लोक निर्माण विभाग को ठेकेदार मिलना मुश्किल हो गया है। आठ साल में अब तक सड़क को स्थाई उपचार नहीं मिल पाया है।