नवाबगंज कस्बे के बहुउद्देशीय प्राथमिक ग्रामीण सहकारी समिति डीएपी नदारद है। एक तरफ जहां किसान भटक रहे हैं तो वही उनकी खेती भी पिछड़ रही है। नवाबगंज कस्बे के किशोरी लाल रामसागर मेराज खान आदि का कहना है कि वह सभी गुरुवार को 2 बजे सहकारी समिति पर गए थे। वहां कर्मचारी तो थे लेकिन डीएपी खाद नहीं थी। परिणाम स्वरुप महंगे दामों पर बाहर से डीएपी खरीदना मजबूरी है।