हरि के कंधे पर बैठकर ही हम हरि को ढूंढ रहे हैं- सद्गुरु मंगल नाम साहेब देवास। मौन ही वह अवस्था है, जहां हरि का साक्षात्कार होता है। जब सांसारिक दौड़-धूप और झूठे झगड़ों से हार जाते हैं, तब भीतर समझ का प्रकाश होता है और उसी में परमात्मा का अनुभव मिलता है। यह उद्गार सद्गुरु मंगल नाम साहेब ने व्यक्त किए। सतगुरु कबीर सर्वहारा प्रार्थना स्थलीय सेवा समिति, मंगल मा