बोधगया के धर्मारण्य में पिंडदानियों का जनसैलाब उमड़ा है।धार्मिक ग्रंथों में वर्णित है कि यहां महाभारत युद्ध में मारे लोगो की आत्मशांति के लिए युधिष्ठिर ने बोधगया के धर्मारण्य में पिंडदान किया था तभी से यह परंपरा चली आ रही है।धर्मारण्य में त्रिपिंडी श्राद्ध का विशेष महत्व है।देश विदेश से आए तीर्थयात्री यहां आकर त्रिपिंडी श्राद्ध , पिंडदान कर रहे है।