मैदान-ए-कर्बला में हक के लिए हजरत इमाम हुसैन ने अपने साथियों के साथ अपनी जान दे दी, लेकिन अन्याय के आगे सर नहीं झुकाया। मोहर्रम का महीना सच्चाई, इंसाफ व नेक राह पर चलने का इल्म देता हैं। हज़रत इमाम हुसैन और कर्बला के शहीदों को मेरा सलाम।
rajeevkumarmishra853

407 views | Samastipur, Samastipur | Jul 6, 2025