आज इस अवसर पर आपने मुझे 'धर्म चक्रवर्ती' की उपाधि देने का जो निर्णय लिया है, मैं खुद को इसके योग्य नहीं समझता। लेकिन हमारा संस्कार है कि हमें सतों से जो कुछ मिलता है उसे प्रसाद समझकर स्वीकार किया जाता है।
इसलिए मैं आपके इस प्रसाद को विनम्र
bjp4gujarat

68k views | Gujarat, India | Jun 28, 2025